मत हो तुम उदास इतना, मैं गुलाब पेश करता हूँ ! आज सूने आसमान में , सितारों का ताज पेश करता हूँ ! मत हो तुम उदास इतना, मैं गुलाब पेश करता हूँ ! आज सूने आसमान में , सितारों का ...
जीवन की इस धूप छांव में तुम हर क्षण में मुस्काना जीवन की इस धूप छांव में तुम हर क्षण में मुस्काना
साल दर साल इसी तरह प्रचार करते ये प्रकृति के चक्र को अवश्य पूरा करते है ये। साल दर साल इसी तरह प्रचार करते ये प्रकृति के चक्र को अवश्य पूरा करते है ये।
बिन साजन के कैसे खेलूँ होली के हर रंग है फ़िके। बिन साजन के कैसे खेलूँ होली के हर रंग है फ़िके।
पतझड़ का हुआ अंत आया अब वसंत। छेड़ी प्रकृति ने सुर व तान गूंज उठा भवरों का गान। पतझड़ का हुआ अंत आया अब वसंत। छेड़ी प्रकृति ने सुर व तान गूंज उठा भवरों...
एक चाहत थी मेरी हर डर को जीत लेने की आज तुझे खोने के डर से भागने को जी चाहता है। एक चाहत थी मेरी हर डर को जीत लेने की आज तुझे खोने के डर से भागने को ...